Action Construction Equipment (ACE): "Make in India" का Construction & Defence Sector Champion?
क्रेन से ट्रैक्टर तक, ACE का डायवर्सिफाइड सफर
Action Construction Equipment Limited (ACE) 1995 में स्थापित एक "स्वदेशी" कंपनी है, जो कंस्ट्रक्शन, एग्रीकल्चर, लॉजिस्टिक्स और अब डिफेंस सेक्टर में दमदार मौजूदगी रखती है। इसके संस्थापक विजय अग्रवाल (50+ वर्षों का इंडस्ट्री एक्सपीरियंस) ने इसे वर्ल्ड की सबसे बड़ी "Pick & Carry Crane" मैन्युफैक्चरर बना दिया है (63% मार्केट शेयर)।
क्या खास है ACE में?
✔ मार्केट लीडर : मोबाइल क्रेन्स (60% डोमेस्टिक शेयर), टावर क्रेन्स में भी टॉप।
✔ डायवर्सिफाइड प्रोडक्ट पोर्टफोलियो :
- क्रेन्स (Pick & Carry, Lorry Loaders, Crawler Cranes)
- कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट (Backhoe Loaders, Vibratory Rollers, Forklifts)
- एग्री इक्विपमेंट (ट्रैक्टर, हार्वेस्टर)
- डिफेंस सेक्टर में नई एंट्री (Telehandlers for Indian Army)।
✔ ग्लोबल रीच : 37+ देशों में एक्सपोर्ट, 125+ इंडियन लोकेशन्स पर सर्विस नेटवर्क।
FY25 का परफॉरमेंस: सभी रिकॉर्ड तोड़ते नंबर्स
फाइनेंशियल हाइलाइट्स (कंसोलिडेटेड)
| मेट्रिक्स | FY25 (₹Mn) | FY24 (₹Mn) | ग्रोथ (YoY) |
|----------------|-----------|-----------|------------|
| टोटल इनकम | 34,274 | 29,909 | +14.6% |
| EBITDA | 6,061 | 4,803 | +26.2% |
| EBITDA मार्जिन | 17.68% | 16.06% | +162 bps |
| PAT | 4,092 | 3,282 | +24.7% |
| PAT मार्जिन | 11.94% | 10.97% | +97 bps |
| EPS (₹) | 34.37 | 27.56 | +24.7% |
क्या ड्राइव कर रहा ग्रोथ?
1. कंस्ट्रक्शन सेक्टर का बूम : सरकार की ₹11.2 लाख करोड़ की कैपिटल एक्सपेंडिचर योजना (FY26)।
2. डिफेंस ऑर्डर : MoD से ₹420 करोड़ का ऑर्डर (1,121 Telehandlers)।
3. एग्री इक्विपमेंट डिमांड : ट्रैक्टर मार्केट 2025 तक $7.92 बिलियन पहुंचने का अनुमान।
4. ऑपरेशनल एफिशिएंसी : कॉस्ट कंट्रोल और बेहतर प्रोडक्ट मिक्स से मार्जिन्स में सुधार।
भविष्य का ग्रोथ: क्या उम्मीद करें?
1. इंफ्रा & कंस्ट्रक्शन सेक्टर का मेगा पुश
- रोड्स & हाईवे : NHAI की 23 नई एक्सप्रेसवे योजनाएं (₹50,655 करोड़ इन्वेस्टमेंट)।
- रेलवे : 17,500 कोच, 200 वंदे भारत ट्रेनें बनाने का टारगेट।
- अर्बन इन्फ्रा : ₹1 लाख करोड़ का "Urban Challenge Fund" शहरों के विकास के लिए।
👉 ACE का फायदा : क्रेन्स, रोलर्स, और बैकहो लोडर्स की डिमांड बढ़ेगी।
2. डिफेंस सेक्टर में बड़ा मौका
- "मेक इन इंडिया" पुश : डिफेंस बजट का 75% डोमेस्टिक प्रोक्योरमेंट पर खर्च।
- ACE की स्ट्रैटेजी : Telehandlers के बाद और डिफेंस इक्विपमेंट पर फोकस।
3. एग्रीकल्चर मशीनरी का बढ़ता बाजार
- ट्रैक्टर मार्केट : 2030 तक $10.95 बिलियन (CAGR 6.7%)।
- ACE के ट्रैक्टर और हार्वेस्टर बिजनेस को फायदा।
4. एक्सपोर्ट ग्रोथ
- 37+ देशों में मौजूदगी, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में डिमांड बढ़ने की संभावना।
रिस्क फैक्टर्स: क्या ध्यान रखें?
❌ जियोपॉलिटिकल इश्यूज : ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है।
❌ मॉनसून इफेक्ट : एग्री इक्विपमेंट की सेल्स पर असर।
❌ BS-5 (CEV-5) नॉर्म्स : नए एमिशन स्टैंडर्ड्स से प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ सकती है।
वैल्यूएशन & शेयर प्राइस ट्रेंड
- मार्केट कैप : ₹14,976 करोड़ (31 मार्च 2025 तक)।
- 52-वीक H/L : ₹1,693 (हाई) / ₹917 (लो)।
- P/E (FY25) : ~36x (इंडस्ट्री एवरेज से ऊपर, लेकिन ग्रोथ जस्टिफाई करता है)।
- रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) : 40.59% (FY25) → कंपनी कैपिटल का अच्छा इस्तेमाल कर रही है ।
शेयरहोल्डिंग पैटर्न
- प्रमोटर्स : 65% (होल्डिंग स्टेबल)।
- FIIs : 12% (बढ़ने की संभावना)।
- DIIs : 2% (कम, लेकिन बढ़ सकता है)।
रिसर्च एनालिस्ट की राय
स्ट्रॉन्ग पॉइंट्स
✅ गवर्नमेंट टेलविंड्स : इन्फ्रा और डिफेंस स्पेंडिंग से सीधा फायदा।
✅ हाई मार्जिन्स : EBITDA मार्जिन लगातार बढ़ रहा है (FY25: 17.68%)।
✅ डिफेंस सेक्टर में एंट्री : नया रेवेन्यू स्ट्रीम बनेगा।
वीकनेसेज
⚠ वैल्यूएशन थोड़ा एक्सपेंसिव : P/E 36x पर शॉर्ट-टर्म करेक्शन का रिस्क।
⚠ कंपीटिशन : L&T, Escorts, और JCB जैसे बड़े प्लेयर्स के साथ टक्कर।
ACE "अच्छे समय" की तैयारी में
ACE एक स्ट्रॉन्ग मैन्युफैक्चरिंग स्टोरी है, जो इन्फ्रा, एग्री और डिफेंस सेक्टर के ग्रोथ से फायदा उठाएगी। FY26 में 14-15% रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान है, और PAT मार्जिन्स 12-13% तक रह सकता है।
क्या करें?
- लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर्स : SIP की तरह शेयर जमा करें।
- शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स : ₹1,200-1,300 के लेवल पर एंट्री ले सकते हैं।
- डिफेंस & इन्फ्रा थीम का फायदा : ACE एक अच्छा प्ले है।
"Make in India" और "Aatmanirbhar Bharat" के इस दौर में, ACE एक हिडन जेम साबित हो सकता है! 🚀
डिस्क्लेमर: यह रिसर्च सिर्फ इनफार्मेशन के लिए है। इन्वेस्टमेंट से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें।



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