म्यूचुअल फंड से 25% रिटर्न की उम्मीद?
"स्मॉल कैप फंड में 100 रुपये 20 रुपये हो गए, फिर वापस 100 बने... पर कितने लोग झेल पाते हैं ये रोलरकोस्टर?"
1. क्या वाकई म्यूचुअल फंड से 25% सालाना रिटर्न मिल सकता है?
25% सालाना रिटर्न की उम्मीद करना FD समझने की गलती है! आइए जानते हैं कि म्यूचुअल फंड्स से क्या रिटर्न रियलिस्टिक है और कैसे निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए।
2. 25% रिटर्न का सच: क्यों यह एक "फैंटेसी" है?
- इक्विटी मार्केट का स्वभाव:
- मार्केट अप-डाउन होता रहता है। कभी 30% गिरावट, तो कभी 50% उछाल।
- उदाहरण: 2008 में स्मॉल कैप फंड्स 80% तक गिरे , फिर 2-3 साल में रिकवर हुए।
- सवाल: क्या आप 100 रुपये के 20 रुपये हो जाने पर भी होल्ड कर पाएंगे?
- लॉन्ग-टर्म में ही मिलता है अच्छा रिटर्न:
- 15-20 साल में इक्विटी 12-15% CAGR दे सकता है, पर हर साल नहीं।
- 2023 में सेंसेक्स ने 25-30% रिटर्न दिया, लेकिन 2022 में 10-15% गिरावट भी देखी।
> "म्यूचुअल फंड को FD समझने की भूल न करें। यहाँ रिटर्न अनियमित आते हैं, और आपको वॉलैटिलिटी झेलनी होगी।"
3. हाई रिटर्न वाले फंड्स का रिस्क: क्या आप तैयार हैं?
A. स्मॉल कैप/सेक्टोरल फंड्स:
- रिटर्न: 18-25% CAGR (लॉन्ग-टर्म)।
- रिस्क:
- 2008 जैसे क्रैश में 80% तक गिरावट।
- 2020 में COVID के दौरान 50% तक गिरे।
B. इंटरनेशनल फंड्स (जैसे NASDAQ):
- रिटर्न: 15-20% CAGR।
- रिस्क:
- हर दिन 3% उतार-चढ़ाव आम है।
> "अगर आप हाई रिटर्न चाहते हैं, तो कंसन्ट्रेटेड पोर्टफोलियो (स्मॉल कैप/थीमेटिक) चुनें, पर डायवर्सिफिकेशन न भूलें।"
4. रियलिस्टिक रिटर्न क्या है? FD से तुलना
इक्विटी से रिटर्न की एक यथार्थवादी उम्मीद यह होनी चाहिए:
| पोर्टफोलियो टाइप | एक्सपेक्टेड रिटर्न (FD से ज्यादा) |
|-------------------------|-----------------------------------|
| कंजर्वेटिव (हाइब्रिड) | 25-40% ज्यादा |
| मॉडरेट (लार्ज कैप) | 50-70% ज्यादा |
| एग्रेसिव (स्मॉल कैप) | 100-150% ज्यादा |
उदाहरण:
- अगर SBI FD 7% दे रहा है, तो:
- बैलेंस्ड फंड से 9-10% ।
- स्मॉल कैप से 14-18% (लॉन्ग-टर्म)।
5. 67% इक्विटी सही है?
67% पोर्टफोलियो इक्विटी में है। क्या यह सही है?
- रिटायरमेंट में इक्विटी की भूमिका:
- अगर आप हर साल 5-6% ही निकाल रहे हैं, तो 67% इक्विटी ठीक है।
- इक्विटी की ग्रोथ से आपकी पेंशन की वैल्यू बनी रहेगी।
चेतावनी:
- अगर 8-10% निकालने की जरूरत है, तो इक्विटी एक्सपोजर कम करें।
6. निवेशकों के लिए 3 गोल्डन रूल्स
1. धैर्य रखें: इक्विटी में कम से कम 10-15 साल का नजरिया रखें।
2. डायवर्सिफाई करें: सिर्फ स्मॉल कैप या सेक्टर फंड्स पर निर्भर न रहें।
3. रियलिस्टिक रहें: FD जैसा स्टेबल रिटर्न की उम्मीद न करें।
> "म्यूचुअल फंड्स में सफलता का राज 'स्टिकिंग अराउंड' (टिके रहना) है। जो लोग गिरावट में बचते हैं, वे उछाल का फायदा नहीं उठा पाते!"
7. क्या आप मार्केट के रोलरकोस्टर के लिए तैयार हैं?
- हां: अगर आप 5-10 साल का समय दे सकते हैं और 50% गिरावट को झेल सकते हैं।
- नहीं: अगर आपको नियमित इनकम चाहिए, तो हाइब्रिड या डेट फंड्स चुनें।
"अपने फाइनेंशियल गोल के हिसाब से पोर्टफोलियो बनाएं। 25% रिटर्न की चाहत आपको स्कैमर्स का शिकार बना सकती है!"
लेखक: [B.V KUMAR]
क्या आप भी 25% रिटर्न की उम्मीद में म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रहे हैं? कमेंट में बताएं!

एक टिप्पणी भेजें