भारत–यूके व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (CETA): एक ऐतिहासिक साझेदारी




भारत–यूके व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (CETA): एक ऐतिहासिक साझेदारी

24 जुलाई, 2025 को भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) ने एक ऐतिहासिक ‘व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते’ (Comprehensive Economic and Trade Agreement - CETA) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता दुनिया की चौथी (भारत) और छठी (यूके) सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच हाल के समय का सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय व्यापार समझौता माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसे "ऐतिहासिक" बताया, वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री श्री कीयर स्टार्मर ने कहा कि यह “व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिए एक नए युग की शुरुआत” है। CETA में वस्त्र, सेवाओं और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में व्यापक प्रावधान हैं, जो दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, आर्थिक वृद्धि, रोज़गार निर्माण और नवाचार को बढ़ावा देंगे।


साझेदारी से समझौते तक: 2021 से यात्रा

इस समझौते की शुरुआत 4 मई 2021 को भारत-यूके 'एन्हांस्ड ट्रेड पार्टनरशिप' (ETP) से हुई थी। दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा। 2025 में G-20 शिखर सम्मेलन (रियो डी जनेरियो, ब्राज़ील) के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों की बातचीत के बाद यह वार्ताएं तेज़ हुईं। अंततः, तीन महीनों की गहन बातचीत के बाद केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के वाणिज्य सचिव श्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने इसे अंतिम रूप दिया।


भारत–यूके व्यापार संबंध: प्रमुख तथ्य

  • FY25 में द्विपक्षीय व्यापार: US$ 22.69 बिलियन

  • भारत का चौथा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य: यूके

  • भारत से निर्यात: US$ 14.5 बिलियन (12.6% वृद्धि)

    • मुख्य निर्यात: टेलीकॉम उपकरण, पेट्रोलियम उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी, रेडीमेड कॉटन गारमेंट्स, फार्मास्यूटिकल्स

  • यूके से आयात: US$ 8.6 बिलियन (2.3% वृद्धि)

    • मुख्य आयात: चांदी, विद्युत मशीनरी, लोहा व इस्पात, एल्युमीनियम उत्पाद


व्यापक शुल्क कटौती (Tariff Liberalisation)

  • भारत: 99% शुल्क लाइनों पर शुल्क हटाएगा, जिससे लगभग संपूर्ण व्यापार मूल्य पर प्रभाव पड़ेगा

  • यूके: 90% शुल्क लाइनों में कटौती, जिनमें से 85% पर अगले 10 वर्षों में पूर्ण शुल्क छूट

  • व्हिस्की व जिन: 150% से घटकर पहले 75%, फिर 10वें वर्ष तक 40%

  • ऑटोमोबाइल: टैरिफ रेट कोटा प्रणाली के माध्यम से 100% से घटकर 10%

  • अनुमानित भारत की टैरिफ बचत: 10 वर्षों में US$ 1.22 बिलियन

लाभान्वित उत्पाद: वस्त्र, समुद्री उत्पाद, जूते, खिलौने, रत्न-आभूषण, ऑटो पार्ट्स, ऑर्गेनिक केमिकल्स, चॉकलेट, कॉस्मेटिक्स, चांदी, चिकन, मेडिकल उपकरण, सॉफ्ट ड्रिंक्स आदि।


सेक्टोरल अवसर और परिवर्तन

भारत के लिए:

  • वस्त्र व परिधान, चमड़ा, मरीन उत्पाद: बेहतर बाज़ार पहुंच, रोज़गार सृजन

  • सेवाएं (GDP का 54%): IT, ITeS, वित्तीय सेवाएं, शिक्षा

  • UK में सेवा प्रदाताओं को बेहतर कानूनी सुरक्षा व नई संभावनाएं

यूके के लिए:

  • एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग (एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिकल्स): टैरिफ में राहत

  • स्वच्छ ऊर्जा: भारत के ग्रीन प्रोक्योरमेंट में भागीदारी

  • जीवन विज्ञान (Life Sciences): मेडिकल डिवाइसेज़ पर शुल्क में छूट

  • क्रिएटिव सेक्टर: बौद्धिक संपदा की 60 वर्षों तक सुरक्षा


बिज़नेस मोबिलिटी और पेशेवर सेवाओं में प्रावधान

  • व्यवसायियों और पेशेवरों के लिए वीज़ा और मूवमेंट आसान

  • 3 वर्षों तक भारतीय कामगारों पर यूके में सोशल सिक्योरिटी का कोई शुल्क नहीं

  • विशेष कोटा: हर साल 1,800 वीज़ा (भारतीय शेफ, योग शिक्षक, शास्त्रीय संगीतज्ञ)

  • सेक्टर्स: आर्किटेक्चर, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर सेवाएं, टेलीकॉम


रणनीतिक महत्व और भविष्य की दिशा

  • ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में बड़ा कदम

  • रोज़गार सृजन, MSMEs, महिला व युवा उद्यमियों, किसानों व मछुआरों को वैश्विक वैल्यू चेन से जोड़ना

  • भारत की तेज़ी से बढ़ती मध्यवर्गीय आबादी (2019 में 3 करोड़ से बढ़कर 2030 तक 6 करोड़) को व्यापार में नई संभावनाएं मिलेंगी

  • नई विश्व व्यवस्था में भारत-यूके के बीच सामरिक व्यापार साझेदारी


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. भारत–यूके CETA क्या है?
यह एक व्यापक व्यापार समझौता है जो वस्त्र, सेवाओं, प्रौद्योगिकी, और मानव गतिशीलता को कवर करता है। इसका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक US$ 56 बिलियन से दोगुना करना है।

2. भारतीय निर्यातकों को क्या लाभ मिलेगा?
99% टैरिफ लाइनों पर शुल्क हटाए जाएंगे, जिससे वस्त्र, चमड़ा, समुद्री उत्पाद, रत्न-आभूषण आदि क्षेत्रों को भारी लाभ होगा।

3. प्रमुख टैरिफ परिवर्तन क्या हैं?
व्हिस्की पर टैक्स 150% से घटकर 40% तक जाएगा, ऑटोमोबाइल पर टैक्स 100% से घटकर 10% तक। भारत और यूके दोनों के लिए नए व्यापार अवसर खुलेंगे।

4. सेवाओं के क्षेत्र को कैसे लाभ मिलेगा?
IT, शिक्षा, वित्तीय सेवाओं को यूके बाज़ार में बेहतर पहुंच मिलेगी। प्रोफेशनल्स के लिए वीज़ा नियम सरल होंगे और UK में अस्थायी रूप से काम करने वाले भारतीयों को सोशल सिक्योरिटी छूट मिलेगी।

5. CETA रणनीतिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण है?
यह समझौता न केवल व्यापार बढ़ाता है बल्कि नवाचार, स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल प्रौद्योगिकी और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की स्थिति को मजबूत करता है।



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