PPFAS के CIO राजीव ठक्कर का निवेश मंत्र: बड़ी कंपनियों में भरोसा, भावनाओं पर काबू रखें
"Equanimity, not genius, will lead to riches." ("शांत दिमाग, न कि जीनियस दिमाग, आपको अमीर बनाएगा")
PPFAS म्यूचुअल फंड के CIO राजीव ठक्कर का यह मूल मंत्र है। हाल ही में Mint के 'Guru Portfolios' में उन्होंने अपने निवेश फिलॉसफी, रिटायरमेंट प्लानिंग और बाजार के मौजूदा हालात पर खुलकर बातचीत की। यहां उसी इंटरव्यू से निकाले गए 5 बड़े सबक:
1."आज मेरे 95% इक्विटी निवेश लार्ज कैप में हैं"
ठक्कर के मुताबिक, पिछले 1-2 सालों में मिड और स्मॉल कैप शेयरों का वैल्यूएशन बहुत ऊंचा हो चुका है। इसलिए उनका फ्लेक्सी कैप फंड अभी सिंगल डिजिट (5-9%) में ही मिड/स्मॉल कैप्स में इन्वेस्ट कर रहा है। बाकी पूरा फोकस लार्ज कैप कंपनियों पर है।
क्यों?
- लार्ज कैप कंपनियों में स्थिरता ज्यादा, मार्केट डाउन होने पर गिरावट कम।
- मिड/स्मॉल कैप्स में अभी "फ्रॉथी वैल्यूएशन" चल रहा है, जो रिस्की है।
5 साल पहले क्या था सीन?
- 2020 (कोविड क्रैश) के समय वैल्यूएशन सस्ते थे, तब इक्विटी में अलोकेशन 90%+ था।
- अब फिक्स्ड इनकम (हाइब्रिड्स, आर्बिट्राज फंड्स) में 12-13% अलोकेशन बढ़ा दिया है।
2. रिटायरमेंट के लिए कितना कॉर्पस काफी?
ठक्कर मानते हैं कि उनका रिटायरमेंट कॉर्पस पूरा हो चुका है, लेकिन वे अभी भी काम करना जारी रखेंगे। उनके अनुसार:
- विथड्रॉल रेट: रिटायरमेंट के बाद 3-4% सालाना खर्च करें, तो पैसा खत्म होने का डर नहीं।
- इन्फ्लेशन का हल: ज्योग्राफिक डायवर्सिफिकेशन (विदेशी शेयरों में निवेश) और गोल्ड से बचाव संभव।
- एमरजेंसी फंड: 2 साल के खर्च के बराबर रखें + हेल्थ कॉन्टिन्जेंसी के लिए अलग से 10x इंश्योरेंस कवर जितना कॉर्पस बनाएं।
3. "मेगा ट्रेंड देखकर निवेश न करें!"
ठक्कर कहते हैं कि EV, रिन्यूएबल एनर्जी, फूड डिलीवरी जैसे ट्रेंड्स को पहचानना आसान है, लेकिन उनमें पैसा बनाना मुश्किल। उदाहरण के लिए:
- 90s में टेलीकॉम और एयरलाइंस मेगा ट्रेंड थे, पर ज्यादातर निवेशकों को नुकसान हुआ।
- उनका फोकस "प्राइसिंग पावर" और "कम्पटीशन एडवांटेज" वाली कंपनियों पर रहता है, जैसे बैंकिंग, IT सेक्टर की बड़ी कंपनियां।
4. युवा निवेशकों के लिए 3 गुरुमंत्र
1. सेविंग्स की आदत डालें: पहली सैलरी से ही 20-25% सेव करें, फिर धीरे-धीरे बढ़ाएं।
2. शॉर्टकट से बचें: "आज के हेडलाइंस" (जैसे टैरिफ, चुनाव) के आधार पर निवेश न करें।
3. EMOTIONS पर काबू रखें:
- Anchor Bias: 100 रुपये में खरीदा शेयर 90 पर गिरे तो उसे "वापस 100 होने का इंतजार" न करें।
- Recency Bias: हाल की घटनाओं (जैसे युद्ध, महामारी) को ज्यादा वेटेज न दें।
5. "गोल्ड और इंटरनेशनल एक्सपोजर भी जरूरी"
- गोल्ड: ठक्कर के पास सिर्फ ज्वैलरी के रूप में गोल्ड है, लेकिन वे मानते हैं कि यह इन्फ्लेशन और करेंसी क्राइसिस में सुरक्षा देता है।
- विदेशी शेयर: उनके फ्लेक्सी कैप फंड का 10% अंतरराष्ट्रीय शेयरों में है। भविष्य में GIFT City के जरिए और एक्सपोजर बढ़ाने की योजना है।
"समझदारी, बुद्धिमानी नहीं, आपको अमीर बनाएगी"
ठक्कर का मानना है कि निवेश में सफलता के लिए जटिल स्ट्रैटेजी या मार्केट टाइमिंग नहीं, बल्कि ''संयम और अनुशासन'' चाहिए। उनकी दिनचर्या भी इसी को दर्शाती है:
- फिटनेस: 10,000 स्टेप्स का लक्ष्य (हालांकि वे खुद स्वीकार करते हैं कि अभी पूरा नहीं कर पाते!)।
- डी-स्ट्रेस: साल में एक लॉन्ग वेकेशन, शॉर्ट ट्रिप्स, संगीत और ऑनलाइन शतरंज।
"लाइफस्टाइल इन्फ्लेशन से बचें... प्राइवेट जेट का शौक नहीं, तो रिटायरमेंट में पैसा कम नहीं पड़ेगा!" – राजीव ठक्कर का सीधा-सादा फंडा।
[नोट: यह आर्टिकल Rajeev Thakkar के इंटरव्यू पर आधारित है। निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें।]

إرسال تعليق