बचत खाते से बेहतर हैं ये 5 विकल्प - ज्यादा ब्याज, टैक्स बेनिफिट और लिक्विडिटी!
"HDFC और SBI के सेविंग अकाउंट पर सिर्फ 2.7% ब्याज? पैसों को सोने न दें, इन बेहतर ऑप्शन्स पर करें स्विच!"
1. बैंक क्यों दे रहे हैं मात्र 2.7% ब्याज?
आजकल HDFC, Axis और SBI जैसे बड़े बैंक सेविंग अकाउंट पर महज 2.7-2.75% ब्याज दे रहे हैं, जबकि महंगाई दर 5% के आसपास है। यानी आपका पैसा वास्तव में कम हो रहा है ! बैंक आपके पैसे को कम ब्याज पर लेकर लोन पर 8-12% कमाते हैं। समझदार निवेशक होने के नाते, आपको इन बेहतर विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए:
2. विकल्प 1: बैंक FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) – सुरक्षित, पर लॉक-इन
- ब्याज दर: 3.5% से 8% तक (बैंक के अनुसार)।
- फायदे:
- सेविंग अकाउंट से 2-3 गुना ज्यादा रिटर्न।
- सुरक्षित निवेश (DICGC द्वारा 5 लाख तक बीमा)।
- नुकसान:
- प्रीमैच्योर निकासी पर 1% पेनल्टी ।
- ब्याज पर TDS कटता है , और यह आपकी इनकम में जुड़कर टैक्स लायबिलिटी बढ़ाता है।
अगर आपको 1-2 साल के लिए पैसे की जरूरत नहीं, तो FD अच्छा विकल्प है।
3. विकल्प 2: हाई-इंटरेस्ट सेविंग अकाउंट (जैसे IDFC First)
- ब्याज दर:
- 0-5 लाख: 3%
- 5-10 लाख: 5%
- 10 लाख+: 7.35% (SBI से 3 गुना ज्यादा!)
- चेक:
- छोटे बैंकों (जैसे पेमेंट्स बैंक) में जोखिम हो सकता है।
- DICGC बीमा सिर्फ 5 लाख तक ही लागू।
कब चुनें? अगर आपको बार-बार पैसे निकालने की जरूरत है।
4. विकल्प 3: स्वीप-इन FD – लिक्विडिटी + बेहतर ब्याज
- कैसे काम करता है? आपका एक्स्ट्रा पैसा ऑटोमैटिक FD में चला जाता है, और जरूरत पड़ने पर वापस आ जाता है।
- फायदे:
- प्रीमैच्योर निकासी पर कोई पेनल्टी नहीं ।
- कैच (छुपा नुकसान):
- अगर आप 1 साल की FD बनवाते हैं, लेकिन 6 महीने में पैसा निकालते हैं, तो आपको 6 महीने का ही ब्याज (6%) मिलेगा, 1 साल का (7%) नहीं।
5. विकल्प 4: लिक्विड फंड्स (म्यूचुअल फंड) – टैक्स बेनिफिट के साथ लिक्विडिटी
- ब्याज दर: ~6% (वर्तमान में)।
- फायदे:
- 1 दिन में पैसा वापस (7 दिन बाद कोई एक्जिट लोड नहीं)।
- टैक्स बेनिफिट:
- ब्याज को कैपिटल गेन माना जाता है।
- जब आप निकासी करते हैं, तो सिर्फ प्रॉफिट पर टैक्स (पूरी रकम पर नहीं)।
- FD की तुलना में कम टैक्स दायित्व ।
- जोखिम: कम, पर क्रेडिट रिस्क हो सकता है (कम रेटेड पेपर में निवेश से)।
किसे चुनें? शॉर्ट-टर्म जरूरतों (3-12 महीने) के लिए आदर्श।
6. विकल्प 5: आर्बिट्राज फंड्स और डायनामिक एसेट अलोकेशन फंड्स (DAAF) – टैक्स एफिशिएंट हाई रिटर्न
A. आर्बिट्राज फंड्स:
- कैसे काम करता है? स्टॉक खरीदकर फ्यूचर्स में शॉर्ट सेल करते हैं, जिससे ब्याज जैसा रिटर्न मिलता है।
- ब्याज दर: ~5-6% (लिक्विड फंड्स के बराबर)।
- टैक्स बेनिफिट:
- 12 महीने बाद: सिर्फ 10% LTCG टैक्स (FD पर 30% से कम)।
- 12 महीने से पहले: 15% STCG टैक्स।
B. डायनामिक एसेट अलोकेशन फंड्स (DAAF):
- कैसे काम करता है? डेट + आर्बिट्राज का मिश्रण।
- फायदे:
- 2 साल बाद निकासी: सिर्फ 10% टैक्स (FD से काफी बेहतर)।
- लॉन्ग-टर्म में बेहतर रिटर्न (लिक्विड फंड्स से ज्यादा)।
किसे चुनें? अगर आप 1-2 साल के लिए निवेश कर सकते हैं।
7. टैक्स और अन्य महत्वपूर्ण बातें
- FD vs म्यूचुअल फंड टैक्स:
- FD: हर साल ब्याज पर टैक्स (TDS कटता है)।
- म्यूचुअल फंड: निकासी के समय सिर्फ प्रॉफिट पर टैक्स।
- लॉस सेटऑफ: म्यूचुअल फंड के नुकसान को भविष्य के गेन्स के खिलाफ क्लेम कर सकते हैं (FD में यह सुविधा नहीं)।
- एक्जिट लोड: लिक्विड फंड (7 दिन), DAAF (1 साल तक)।
8. बेस्ट ऑप्शन कौन सा?
| जरूरत | बेस्ट ऑप्शन |
|--------|------------|
| अगले 6 महीने में पैसे की जरूरत | IDFC जैसा हाई-इंटरेस्ट सेविंग अकाउंट या लिक्विड फंड |
| 1-2 साल का निवेश | आर्बिट्राज फंड या DAAF (टैक्स बचत के लिए) |
| नो रिस्क, फिक्स्ड रिटर्न | बैंक FD (पर टैक्स प्लानिंग करें) |
सेविंग अकाउंट को सिर्फ ट्रांजैक्शनल उपयोग तक सीमित रखें। ज्यादा रकम को इन बेहतर विकल्पों में ट्रांसफर करें!
लेखक: [B.V KUMAR]
स्रोत: SEBI, AMFI, और विभिन्न बैंक/म्यूचुअल फंड हाउसों की वेबसाइट्स।
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